वो(wo)
वो
बिखरते -बिखरते से पन्ने
लजराते- लजराते पन्नों पर
लिखे अल्फाज
दिल से लबों के जरिए
गमों के अंधेरे को हटाते
खुशनुमा - खुशनुमा से चेहरे
कह जाते हैं कि शायरी और शायर, मोहब्बत एक दूसरे के अजीज होते हैं
बेनकाब चेहरे, खुशनुमा हंसी
दिलों के झाकतें आईने,
आइने में दिखती परछाई
परछाई में छिपी सच्चाई
शख्सियत दिखा जाती हैं कि शायरी और शायर, मोहब्बत एक दूसरे के अजीज होते हैं
उनकी बिखरती -2 सी जुल्फें
उनकी बदलती-2 सी करवटें
रातों की नींद उचटती -सी
दिन का चैन गुम -सा
उनके कपकपातें होठों पर मुस्कुराहट
उनकी आंखों में दिखती वो लज्जा
उनकी लचकाती- लहराती वो कमर
कह जाती है कि शायरी शायरी मोहब्बत एक दूसरे के अजीज होते हैं
उनकी महकती -सी सांसें, जिस्म की खुशबू
मदहोश करती हैं आहें बहकती सासों के साथ
धड़कतें दिल की दुआ लहराता-2 सा उसका
दीवानों को कहा जाता है की शायरी और शायर, मोहब्बत एक दूसरे के अजीज होते हैं
बिखरते -बिखरते से पन्ने
लजराते- लजराते पन्नों पर
लिखे अल्फाज
दिल से लबों के जरिए
गमों के अंधेरे को हटाते
खुशनुमा - खुशनुमा से चेहरे
कह जाते हैं कि शायरी और शायर, मोहब्बत एक दूसरे के अजीज होते हैं
Written by Sahab
My Sayari |
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